Considerations To Know About treatment of piles in pregnancy
संयम, स्वस्थ आहार, और नियमित दिनचर्या पालन से पाइल्स को जड़ से ठीक किया जा सकता है।मलत्याग करते समय तनाव न लें : मल त्याग के दौरान जोर लगाने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव पड़ सकता है। इससे बवासीर हो सकता है।
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इसे रुई पर लगाकर प्रभावित जगह पर लगाने से काफी राहत मिलती है.
इस घरेलू उपचार के लिए आपको चाहिए की कड़वी तोरई का रस निकालकर उसमे थोड़ी हल्दी और नीम का तेल मिलाकर लेप बना लीजिये और प्रतिदिन पाइल्स के मस्सों पर लगाइये ऐसा करने से पाइल्स के मस्से जड़से खतम हो जाते हैं।
मल त्याग के दौरान या बाद में चमकीला लाल खून
पाइल्स के लिए लेजर सर्जरी : सर्जन लेजर का उपयोग करके बवासीर में रक्त की आपूर्ति को कम कर देता है। पाइल्स लेजर सर्जरी में ब्लड सप्लाई कटने से बवासीर सिकुड़ जाती है।
सर्जरी के बाद बवासीर दोबारा हो सकता है?
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शौच करते समय जोर लगाना : मल त्याग के दौरान अत्यधिक दबाव डालने से मलाशय क्षेत्र में नसों में सूजन हो सकती है, जिससे बवासीर होता है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में click here सर्जरी ही इसका एकमात्र समाधान है, और सर्जरी के बाद भी यह रोग दोबारा हो जाता है। इसलिए घरेलू उपचार और बेहतर जीवनशैली अपनाना चाहिए। इससे बवासीर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
नींबू और अदरक का रस समान मात्रा में मिलाएं। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
यदि आप नीचे दिए गए लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए
भगन्दर उन लोगों में होता है, जिनके मलद्वार के पास कोई फोड़ा हो जाता है। फोड़े में कई मुंह बन जाते है। ऐसे में यदि रोगी व्यक्ति उससे छेड़छाड़ करता है तो भगन्दर हो जाता है।